वर्तमान समय में हमारे देश में किसान आंदोलन चल रहा है और किसानों को लेकर कइ तरह की बातें हो रही है. इन सभी घटनाओं के बीच राजस्थान के सीकर और झुंझनूं जिले की सीमा के मध्य में बसे बेरी गांव की इस महिला किसान की चर्चा हर तरफ हो रही है. इस महिला का नाम संतोष देवी खेदड़ है।

राजस्थान की यह महिला संतोष देवी सवा एकड़ जमीन पर सिंदूरी अनार की खेती करती हैं. अनार की खेती के लिए प्रतिकूल मौसम और भौगोलिक परिस्थिति होने के बाद भी उन्होंने बेहतरीन खेती का नमूना पेश किया है. यह महिला अनार की खेती से सलाना 25 लाख रुपये तक कमा लेती हैं. उनकी इसी आमदनी में अनार के फल और पौधे बेचने की रकम भी शामिल है.
संतोष देवी ने अपनी पढ़ाई 5वीं कक्षा तक की हैं. खेती-किसानी में काफी ही लगाव होने के कारण वह अपनी बाल्यावस्था से ही किसानी और बागवानी में जुट गईं. 15 साल की उम्र में संतोष देवी का ब्याह हुआ. संतोष देवी के पति की नौकरी बतौरे होमगार्ड थी, जिसके कारण वह महीना तीन हजार रुपए कमाते थे।
2008 के साल दौरान महिला किसान संतोष ने अनार की खेती करने का मंसूबा बनाया. अपने इस फैसले पर अमल करने के लिए उन्होंने अपनी भैंस बेच दी और उस पैसे से खेत में नलकूप लगवाई. बिजली की काफी ही समस्या होने पर उन्होंने उसे जनरेटर से कनेक्ट कर दिया. संतोष देवी ने सिंदूरी अनार के कुल 220 पौधे लगाए. ड्रिप इरिगेशन सिस्टम से इन सभी अनार के पौधों की सिंचाई की. दो साल की कड़ी मेहनत के बाद साल 2011 में ये पौधे फल भी देने लगें.

साल 2011 से ही संतोष की किस्मत चमक उठी. उन्हें कृषि वैज्ञानिक का खिताब भी हासिल हुआ है. कृषि मंत्री ने संतोष देवी को 1 लाख रुपये का नकद इनाम दिया है. संतोष देवी की इस प्रतिभा से प्रभावित होकर उनके फार्म हाउस पर 15 से 20 किसान खेती और किसानी के नुस्खे भी सीखने को आते हैं.

सालभर में संतोष देवी अनार के करीब 15 हजार पौधे को बेचती हैं, और इन पौधों के बेचने पर ही इन्हे 10 से 15 लाख रुपये का फायदा होता है. पौधों के लिए जैविक खाद वह खुद ही तैयार करती हैं. कीटनाशक बनाने में वह गुड़ का इस्तेमाल करती हैं, जिससे की पौधों को कीट न लग जाए।

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